If you are looking for - Ped Podhon ke liye aaavsayak tatv kon konse hote hai || पोधों के लिए जरूरी पोषक तत्व || RBF India
पोधों
के लिए जरूरी पोषक तत्व की आवश्यकता
पौधों के विकास एवं
वृद्धि के लिए कुल 17 पोषक तत्वों की
आवश्यकता(जरूरत) होती है। इनमें से किसी भी एक पोषक तत्व की कमी होने से पैदावार
पर अलग ही प्रभाव पड़ता है और किसान को भरपूर फसल नहीं मिल पाती है ।
(1)कार्बन (2) हाइड्रोजन (3)आक्सीजन (4)नाइट्रोजन (5) फस्फोरस (6)पोटैशियम
(7) कैल्शियम (8) मैग्नीशियम (9)गन्धक (10)लोहा (11)जस्ता (12) मैंगनीज (13) तांबा
(14)बोरोन (15)मोलिब्डेनम (16)क्लोरीन (17)निकिल
- कार्बन, हाइड्रोजन तथा आक्सीजन इन
तत्वो को पौधे हवा व जल से ग्रण करते हैं।
- नाइट्रोजन, फस्फोरस
तथा पोटैशियम इन तत्वो को पौधे मिट्टी से ग्रण करते है। इनकी पौधों को अधिक
मात्रा में जरूरत पड़ती है। इन पोषक तत्व को प्रमुख तत्व कहते है।
- मैग्नीशियम,कैल्शियम
तथा गन्धक इन पोषक तत्व को पौधे कम मात्रा में ग्रहण करता है। इन पोषक तत्व
को द्वितीयक पोषक तत्त्व कहा जाता है।
- जस्ता,लोहा, मैंगनीज, बोरोन,तांबा,
मोलिब्डेनम,क्लोरीन तथा निकिल इन पोषक
तत्वों की पौधों को काफी मात्रा में आवश्यकता होती है। इन पोषक तत्व को
सूक्ष्म पोषक तत्त्व कहते है।
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Organic - RBF |
किस पोषक तत्व का किया काम है :-
- कार्बन, हाइड्रोजन तथा आक्सीजन इन तत्वो
को पौधे हवा व जल से ग्रण करते हैं। कार्बन एक अच्छी मिट्टी में 5% कार्बनिक पदार्थ का होना आवश्यक है कार्बन का मूल स्रोत हवा है प्रकाश
संश्लेषण की क्रिया के द्वारा हवा में स्थित कार्बन-ऑक्साइड
को
पौधे की हरी पत्तियाँ कार्बन को ग्रहण करती है व ऑक्सीजन को वायु में वापस छोड़ ती
हैं पेड़-पौधों में 45 से 55%
कार्बन की मात्रा होती है तथा ऑक्सीजन ओर हाईड्रोजन का जल प्रमुख स्रोत है पौधा कम मात्रा में वायु में स्थित ऑक्सीजन ओर हाईड्रोजन का भी परयोग करता है |
मुख्य पोषक तत्त्व :-
नाइट्रोजन एक रसायनिक तत्व है जिसका प्रतीक N है नाइट्रोजन का मुख्य कम पौधे के विकास तथा अच्छे उत्पादन हेतु माना
जाता है
·
नाइट्रोजन से पेड़-पोधे प्रोटीन बनते है |
·
नाइट्रोजन से पौधों मे वृद्धि तथा विकास
में सहयोग इस तरह से है
·
नाइट्रोजन पौधों को व पतियों को गहरा हरा
रंग रखता करता है।
·
नाइट्रोजन वानस्पतिक मे वृद्धि को बढ़ावा
देता है।
·
नाइट्रोजन अनाज ओर चारे वाली फसल में
प्रोटीन की मात्रा बढ़ाता है।
·
नाइट्रोजन फसल मे दानो के बनने में मदद भी
करता है|
फस्फोरस एक रसायनक तत्व है है जिसका प्रतीक P है
·
फसल मे फास्फोरस के प्रयोग से जड़ें तेजी
से बड़ती है
·
फसल मे फास्फोरस के प्रयोग से जड़ें मजबूत
होती हैं।
·
फसल मे फास्फोरस के प्रयोग से पौधों में
खड़े रहने की ताकत बढ़ती है।
·
फसल मे फास्फोरस के प्रयोग से फल-फूल
जल्दी आते हैं|
·
फसल मे फास्फोरस के प्रयोग से फल जल्दी बनते है|
·
फसल मे फास्फोरस के प्रयोग से दाने जल्दी
पकते हैं।
·
फसल मे फास्फोरस के प्रयोग से फलीदार फसल
में फास्फोरस उपस्थिति से जड़ों की ग्रंथियों का विकास अच्छा होता है।
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RBF India |
1 पोटैशियम एक रसायनक तत्व है जिसका प्रतीक K है |
·
फसल मे पोटैशियम के प्रयोग से पोधे की जड़ों को मजबूती मिलती है |
·
फसल मे पोटैशियम के प्रयोग से पोधा
सूखने से बचाता है।
·
फसल मे पोटैशियम के प्रयोग से फसल में रोग प्रतिरोधकता को बढ़ाता है।
·
फसल मे पोटैशियम के प्रयोग से पौधे को गिरने से बचाता है।
·
फसल मे पोटैशियम के प्रयोग से स्टार्च एव शक्कर के संचरण में साहियोग करता है।
·
फसल मे पोटैशियम के प्रयोग से पौधों में प्रोटीन के निर्माण में सहायक है।
·
फसल मे पोटैशियम के प्रयोग से अनाज के दानों में चमक पैदा करता है।
·
फसल मे पोटैशियम के प्रयोग से फसलो की गुणवत्ता में वृद्धि आती है।
·
फसल मे पोटैशियम के प्रयोग से सब्जियों के पकने के गुण को सुधारता है।
कैल्शियम एक रसायनक तत्व है जिसका प्रतीक CA है |
·
फसल मे कैल्शियम के प्रयोग से गुणसूत्र का संरचनात्मक अवयव है।
·
फसल मे कैल्शियम के प्रयोग से दलहनी फसलों में प्रोटीन के निर्माण के लिए आवश्यक है।
·
फसल मे कैल्शियम के प्रयोग से तम्बाकू, आलू एव
मूँगफली के लिए अधिक लाभकारी होता है।
·
फसल मे कैल्शियम के प्रयोग से पौधों में कार्बोहाइड्रेट संचालन में सहायक है।
मैग्नीशियम एक रसायनक तत्व है जिसका प्रतीक ‘MG’है|
·
फसल मे मैग्नीशियम के प्रयोग से क्रोमोसोम, पोलीराइबोसोम व क्लोरोफिल का अनिवार्य अंग है।
·
फसल मे मैग्नीशियम के प्रयोग से पौधों के अन्दर कार्बोहाइड्रेट संचालन में सहायक है।
·
फसल मे मैग्नीशियम के प्रयोग से पौधों में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट एव वसा के निर्माण मे सहायक है।
·
फसल मे मैग्नीशियम के प्रयोग चारे की फसलों के लिए महत्वपूर्ण है।
गन्धक एक रासायनिक अधातुक तत्व है जिसका प्रतीक S है|
·
गन्धक मुखत: तीन तरह के होते हैं:-
·
दानेदार
·
पाउडर
फॉर्म में
·
तरल
(liquid)
फॉर्म में
·
यह
सभी फसलों के लिए उपयोगी है लेकिन दलहनी फसलों के लिए ज्यादा ही जरुरी हो जाता है | गन्धक एक एसा तत्व है जिसका उपयोग तीन
कामों के लिए किया जाता है | दुसरे सभी खाद केवल मिटटी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए
किया जाता है लेकिन सल्फर मिट्टी की उर्वरा शक्ति के साथ–साथ कीटनाशक, पौधों के लिए टॉनिक का काम भी करता है
·
अगर
आपके फसल में फफूंदी, पौधों
या पौधों के फूल पर काले धब्बे हैं जो गेंहू के फसल में ज्यादा होता है | तो इसकी रोकथाम के लिए गन्धक का पाउडर फॉर्म का उपयोग कर सकते
हैं |
·
अगर
आपके फसल पर मक्खी का प्रकोप है ,खासकर के सफ़ेद मक्खी तो आप गन्धक का प्रयोग कर सकते हैं | जिससे मक्खी पूर्णत: खत्म हो जायेगी | व अन्ये रोग के लिए भी गन्धक उपयोगी है |
लोहा (Iron) आवर्त सारणी के आठवें समूह का पहला तत्व है।
·
लोहा साइटोक्रोम्स, फैरीडोक्सीन व हीमोग्लोबिन
का मुख्य अवयव है।
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क्लोरोफिल एवं प्रोटीन निर्माण में सहायक है।
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यह पौधों की कोशिकाओं मे विभिन्न ऑक्सीकरण-अवकरण क्रियाओं
मे उत्प्रेरक का कार्य करता है।
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श्वसन क्रिया में आक्सीजन का वाहक है।
जस्ता (जिंक)
·
जिंक के कार्य कैरोटीन व प्रोटीन संश्लेषण में सहायक है।
·
जिंक हार्मोन्स के जैविक संश्लेषण में सहायक है।
·
जिंक एन्जाइम (जैसे-सिस्टीन, लेसीथिनेज, इनोलेज, डाइसल्फाइडेज आदि) की क्रियाशीलता बढ़ाने में सहायक है।
·
जिंक क्लोरोफिल निर्माण में उत्प्रेरक का काम करता है।
मैंगनीज के कार्य
·
मैंगनीज,क्लोरोफिल व कार्बोहाइड्रेट नाइट्रेट के स्वागीकरण
में सहायक है।
·
मैंगनीज पौधों में ऑक्सीकरण-अवकरण क्रियाओं
में उत्प्रेरक का कार्य करता है।
·
मैंगनीज प्रकाश संश्लेषण में सहायक है |
तांबा ( कॉपर ) के कार्य
·
तांबा इंडोल एसीटिक अम्ल
वृद्धिकारक हार्मोन के संश्लेषण में सहायक है।
·
तांबा ऑक्सीकरण-अवकरण क्रिया को
नियमितता प्रदान करता है।
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तांबा अनेक एन्जाइमों की
क्रियाशीलता बढ़ाता है।
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तांबा कवक रोगो के नियंत्रण में
सहायक है।
बोरान के कार्य
·
बोरान पौधों में शर्करा के संचालन मे सहायक है।
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बोरान परागण एवं प्रजनन क्रियाओ में सहायक है।
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बोरान दलहनी फसलों की जड़ ग्रन्थियों के विकास में सहायक
है।
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बोरान पौधों में कैल्शियम एवं पोटैशियम के अनुपात को
नियंत्रित करता है।
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बोरान डीएनए, आरएनए, एटीपी पेक्टिन व प्रोटीन के संश्लेषण में सहायक है |
मालिब्डेनम के कार्य
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मोलिब्डेनम पौधों में एन्जाइम नाइट्रेट
रिडक्टेज एवंनाइट्रोजिनेज का मुख्य भाग है।
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मोलिब्डेनम दलहनी फसलों में नत्रजन
स्थिरीकरण, नाइट्रेट एसीमिलेशन व कार्बोहाइड्रेट
मेटाबालिज्म क्रियाओ में सहायक है।
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मोलिब्डेनम पौधों में विटामिन-सी व शर्करा के
संश्लेषण में सहायक है।
क्लोरीन के कार्य
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क्लोरीन पर्णहरिम के निर्माण में सहायक है।
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क्लोरीन पोधो में रसाकर्षण दाब को बढ़ाता है।
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क्लोरीन पौधों की पंक्तियों में पानी रोकने की क्षमता को
बढ़ाता है।
- साथ ही हमें सोसल मिडिया पे फोलो :-
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ReplyDeleteYe company kab open hua
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