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केंचुआ खाद का महत्व || Importance of Vermicompost manure || RBF |
- केचुँआ खाद जमीन की उर्वरकता सक्ति को बढ़ाता हैं|
- केचुँआ खाद साथ ही जमीन में पानी सोखने की क्षमता को बढ़ाता हैं।
- केचुँआ खाद डाली हुई जमीन में खरपतवार कम उगते हैं व पौधों में रोग बीमारी कम लगते हैं।
- केचुँआ खाद जमीन में डालने से पौधों व जमीन के बीच आयनों के आदान-प्रदान में बढोत्तरी होती हैं।
- केचुँआ खाद का उपयोग करने से खेतों में अलग-अलग फसलों के उत्पादन में 25-30% तक की बढ़ोतरी हो सकती हैं।
- केचुँआ खाद को जमीन में डालने से मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती हैं।
- केचुँआ खाद युक्त मिट्टी में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश का अनुपात 5:8:11 होता हैं तथा फसलों को पर्याप्त पोषक तत्व आसानी से मिल जाते हैं।
- केचुओं के मल के अन्दर पेरीट्रापिक झिल्ली रहती हैं, जो भूमि से धूल कणों को चिपकाकर भूमि का भाप बनकर उड़ने से रोकती हैं।
- केचुओं का शरीर 85% भाग जल से बना होता हैं जिससे ये सूखे की स्थिति में भी अपने शरीर में पानी के कम होने के बावजूद भीजीवित रह सकते हैं और मरने के बाद ये जमीन को नाइट्रोजन प्रदान करते हैं।
- केचुँआ खाद जमीन में कार्बनिक पदार्थों की बढ़ोतरी करता हैं और भूमि में जैविक क्रियाओं को निरंतरता भेट करता हैं।
- केचुँआ खाद का प्रयोग करने से जमीन उपजाऊ व भुरभुरी बनाता हैं।
- केचुँआ खाद खेत में दीमक तथा अन्य हानिकारक कीटों को भी नष्ट कर देता हैं। इससे आप को कीटनाशक की लागत में भी कमी आती हैं।
- केचुँआ खाद के उपयोग के बाद 2-3 फसलों तक पोषक तत्वों की उपलब्धता जमीन में बनी रहती हैं।
केंचुआ खाद को कसे बनाए जाने के लिए ये पढ़े :- click here
- जमीन में केचुओं की सक्रियता के कारण पौधों की जड़ों के लिए उचित वायु-मंडल बना रहता हैं, जिससे उनका सही विकास होता हैं।
- केचुँआ खाद कचरा, गोबर तथा फसल के अवशेषों से बनाया जाता हैं, जिससे वातावरण प्रदूषित नहीं होता हैं।
- केचुँआ खाद के प्रयोग से सिंचाई की लागत में भी कमी आती हैं।
- हमारे लगातार रासायनिक खादों के प्रयोग से कम होती जा रही जमीन की उर्वरकता शक्ति को इसके उपयोग से बढ़ाया जा सकता हैं।
- केचुँआ खाद के प्रयोग से फल, सब्जी, अनाज की गुणवत्ता में सुधार भी आता हैं, जिससे किसान को उपज का बेहतर दाम मिलता हैं।
- केंचुए में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीव जमीन का pH मान संतुलित करते हैं।
- केचुँआ खाद से तयार की गई फसल से उपभोक्ताओं को पौष्टिक भोजन की प्राप्ति होती हैं।
- ग्रामीण क्षेत्रों में इसके उपयोग से रोजगार की संभावनाएं उपलब्ध हो जाती हैं।
- केचुँआ खाद बहुत कम समय में तैयार हो जाता हैं।
- केंचुए नीचे की मिट्टी को ऊपर लाकर उसे उत्तम प्रकार की बनाये रखते हैं।
केंचुआ खाद के उपयोग में आप को ये सावधानियाँ बरतनी जरुरी है
- भूमि में केचुँआ खाद का प्रयोग करने के बाद रासायनिक खाद व कीटनाशक दवा का प्रयोग न करें।
- केचुँआ को नियमित अच्छी किस्म का कार्बनिक पदार्थ देते रहना चाहिये।
- केचुँओ को जरूरत की मात्रा में भोजन एवं नमी मिलने से केचुँए क्रियाशील रहते है।
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